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A Simple Key For shiv chalisa lyrics in bengali Unveiled

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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से https://shivchalisas.com

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