निघंटुकारों की दृष्टि में चावल मधुर, स्निग्ध, बलप्रद, कसैला, लघु, रुचिकारक, वीर्यवर्धक, शरीर को पुष्ट करनेवाला, शीतल, पित्तनाशक, मूत्रल, मलबंधक, मल-निष्कासक, उत्तम पाचक, रोगी के लिए पथ्यकर, प्रमेह तथा कृमियों को दूर करनेवाला है। When put next to other sorts of ‘classic’ rice like white and brown rice, purple https://the-amazing-benefits-of-e87536.therainblog.com/21662011/top-guidelines-of-ज-न-र-ज-न-च-वल-ख-न-स-क-य-ह-त-ह