जपत्वा पठेत् तु कवचं चतुर्विंशतिवारकम्। जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्री बगलामुखीम्॥ १९ ॥ ब्रह्माजीने इस विद्या का उपदेश सनकादिक मुनियों को किया। सनत्कुमार ने देवर्षि नारदको और नारद ने नामक परमहंस को इसका उपदेश किया। पांडवो ने भी युद्ध से पहले की बगलामुखी पूजा ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं https://alexiskqpnk.vidublog.com/20131190/the-single-best-strategy-to-use-for-baglamukhi